सीएम कमलनाथ के दो दिवसीय दौरे के दौरान आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी के चयन पर भी चर्चा की जाएगी। मध्य प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है। सीएम ने यहां पर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की।
मुद्दे से जुडी ख़ास- बात
** मध्य प्रदेश के सियासी ड्रामे के बीच दिल्ली पहुंच सोनिया गांधी से मिले CM कमलनाथ
** सोनिया से मुलाकात पर कहा- प्रदेश की राजनीतिक हालात पर चर्चा, मानूंगा उनकी सलाह
** निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने कहा- मेरी इच्छा गृह मंत्रालय की, करूंगा सीएम से बात
भोपाल/नई दिल्ली
मध्य प्रदेश में जारी सियासी ड्रामा अब दिल्ली तक पहुंच गया है। सियासी हलचल के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ राजधानी नई दिल्ली पहुंच गए हैं, जहां कांग्रेस की इमर्जेंसी बैठक चल रही है। सीएम ने यहां पर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर उनसे प्रदेश में जारी राजनीतिक हालात पर चर्चा की।
सोनिया गांधी के साथ मुलाकात का जिक्र कर कमलनाथ ने कहा, ‘मैंने उनके साथ प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। मैं उनकी सलाह पर अमल करूंगा।’
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सीएम कमलनाथ के दो दिवसीय दौरे के दौरान आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी के चयन पर भी चर्चा होगी। मध्य प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है। इस चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 13 मार्च है। राज्यसभा में कांग्रेस दो सीटें जीत सकती है, जिसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम सबसे आगे चल रहे हैं।
Madhya Pradesh Independent MLA Surendra Singh Shera on being asked about his prospects of becoming a Minister: Very soon, may be the day after Holi. I would like to get Home portfolio but have not discussed about it with CM (Kamal Nath) yet. pic.twitter.com/e2xWbA6R6P
— ANI (@ANI) March 9, 2020
वहीं निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा राज्य के गृह विभाग पर नजरें जमाए हुए हैं। मंत्री बनाए जाने की संभावनाओं पर शेरा ने कहा, ‘बहुत जल्द ही, शायद होली के अगले दिन ही ऐसा हो जाएगा। मैं गृह मंत्रालय विभाग पाना चाहूंगा लेकिन अभी इस बारे में मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा नहीं किया है।’
बता दें कि मध्य प्रदेश की राजनीति में पिछले सप्ताह 3 मार्च की देर रात राजनीतिक ड्रामा उस वक्त शुरू हुआ, जब कांग्रेस, बीएसपी और एसपी के कुल नौ विधायक अचानक से गायब हो गए। इनमें से पांच विधायकों को अगले ही दिन रात में भोपाल लाया गया, जबकि निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा, कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल सिंह और रघुराज कंसाना भी वापस लौट आए। लेकिन एक कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफा दे दिया है।
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मध्य प्रदेश में 2 विधायकों के निधन के बाद सदन में सदस्यों की वर्तमान संख्या 228 है। एक सीट पर जीत के लिए न्यूनतम 58 विधायकों की जरूरत है। कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय सिंह पहले ही रेस में हैं। सूत्रों के मुताबिक ज्योतिरादित्य एक सीट पर अपनी भी दावेदारी चाहते हैं। 107 विधायकों की बदौलत बीजेपी के हिस्से में एक सीट जाना तय है। 114 सदस्यों वाली कांग्रेस की एक सीट तो पक्की है लेकिन विधायकों के पाला बदल की सूरत में तीसरी सीट का गणित बिगड़ सकता है।
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